शुरू मजबूरी में किए थे
पर अब मजा आने लगा है
नहीं मानेंगे जब तक चलेगी
नहीं मर्जी हमारी
हम मालिक हैं
मारें जब मर्जी हमारी
कल गद्दी के वारिस को मारे थे
थी जिसकी भी कल अब वो गद्दी हमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
भरोसा नहीं किसी पे
और ना किसी से बनती हमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
भरोसा नहीं किसी पे
और ना किसी से बनती हमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
कहा था ना
शुरू मजबूरी में किए थे
पर अब मजा आने लगा बहुत हमें
भाऊ हमसे अब कायदे में बात करो
कहीं दे दें चौराहे पे मौत तुम्हें
हम हैं हाथी और कुत्ते ये
भौंकते रहें
चले झांकी तो सड़कों पे मौत फिरे
काली घाटी के पीछे पूर्वांचल
और पूरे पूर्वांचल में
हमारा ही धौंस चले
का खा गा घा अंगा
अरे हमसे कौन ले पंगा
फिर चा छा जा झा ऐयां
अब सबके हमारे भैया
जब भी देखें हमारी शक्ल
ये करें ता था ता था थैया
माथे पे कट्टा लगाके
लगा देंगे पार तुम्हारी नैया
ये गद्दी की गंदी बीमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
भरोसा नहीं किसी पे
और ना किसी से बनती हमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
गंदी बीमारी
शेर के मुंह में अब खून लग चुका
नया शेर ये पुराना वो शेर थक चुका
यही काट दे सामने अब सर मत झुका
अब भाई मर चुका तो अब भय मर चुका
बहुत ही बारूद है शहर में बर्फी की कमी नहीं
हमारी कभी वर्दी से बनी नहीं
हरामगर्दी घर पे तो करी नहीं कभी
कभी पर निकले जब घर से तो थमी नहीं
कालीन बिछा देंगे खून से रंगे ये पांव
कालीन पे नाचेंगे मालूम नहीं क्या तुम्हें
आए जो चौक पे बीन बजा देंगे
सांप को पालो पर होगा जहरीला ही
तेरा ना मेरा वो किसी का चेला नहीं
ऊपर तक आए किसी को धकेला नहीं
पूरा कंट्रोल ये कोई झमेला नहीं
जो आया है वो जाएगा भी
पर इस बार मर्जी हमारी होगी
नहीं मानेंगे जब तक चलेगी
नहीं मर्जी हमारी
हम मालिक हैं मारें जब मर्जी हमारी
कल गद्दी के वारिस को मारे थे
थी जिसकी भी कल अब वो गद्दी हमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी
भरोसा नहीं किसी पे
और ना किसी से बनती हमारी
ये गद्दी की गंदी बीमारी