ऐ खुदा तू ही बता अब किसको बतलाऊ
खो गया मेरा पता अब मैं कहा जाऊ
तेरी नगरी तेरी डगरी तेरे ही पैयाँ
जो तू रस्ता ना दिखाये मैं कहा जाऊ
खो गया मेरा पता अब मैं कहा जाऊ
तेरी नगरी तेरी डगरी तेरे ही पैयाँ
जो तू रस्ता ना दिखाये मैं कहा जाऊ
घर का दरवाज़ा बुलाए मुझे सुबह ओ शाम
घर की दीवारें पुकारें देखो मेरा नाम
चल मुझे ले चल खुदा अब तू घर को मेरे
चल मुझे ले चल खुदा अब तू घर को मेरे
जो किसीके ना रहे वो किसे अपना कहे
यादों में किसकी वो हंसता रहे
जो कहिका ना रहे वो कहा थक कर रुके
बाहों में किसकी वो रोते रहें
हा तेरा अम्बर तेरा सागर तेरी है दुनिया
दे दे मुझको बस तू मेरे गाओ की गलियाँ
चल मुझे ले चल खुदा अब तू घर को मेरे
चल मुझे ले चल खुदा अब तू घर को मेरे