वो चश्मा लगा के रखती है
गर्मी जून की प्यासी खून की
लड़के सुखा के रखती है
वो दिक्कत है, है कोई वो बला
उंगली पे दे बंदे नचा
बचके ब्रॉ, संभल करो जो करना
लग ना जाए सदमा
गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा
लगती है प्यारी, राज दुलारी
थोड़ी थोड़ी हल्की थोड़ी सी भारी
बाल सुनहरे रंग पहाड़ी
ऐसी तू नारी, सौ पे तू भारी
आँख मिला रही या जाल बिछा रही
रेड में तू लगती लाल फेरारी
तुझको चलाऊं सौ पे भगाऊं
आने ना दूं मैं किसी की बारी
हाँ सुनके ज़रा, हाँ इधर तो आ
मैं ही तेरा बलमा
गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा
सब दाएं बाएं खड़े, नखरे दिखाए बड़े
घट नहीं जाए कोई घटना
लड़के दीवाने किए, धमके फलाने किए
पांडिचेरी से लेकर पटना
सोचो थोड़ा ठीक से, बाहर हूँ
लीग से तेरी, तेरे बस की ना सजना
दुनिया दीवानी क्यों बढ़ाए परेशानी मेरी
नहीं बनेगा तू मेरा मक्खना
तूने मेरी जान, अभी देखा ना करिश्मा
देखा ना करिश्मा
गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा