मेरे करीब तुझे मेरे करीब तुझे
मेरे नसीब तुझे आना ही था
हर एक हाल तुझे हर एक हाल तुझे
मेरा ख्याल तुझे आना ही था
मेरे नसीब तुझे आना ही था
हर एक हाल तुझे हर एक हाल तुझे
मेरा ख्याल तुझे आना ही था
तुझसे मोहब्बत जो करने लगा
ऐसा लगे मैं संवरने लगा
खाली सा था मैं खयालों ने तेरे भरा
तेरे जैसा तो जहां में नहीं दूसरा
अप्सरा हो है बेहतरीन बेहतरीन
अपना कल बेहतरीन है
सुखदा सत सुकृत गंध
धर्मांग प्रेमधर सुखदा वेशम
मधुरा अंतर मधु मकरम
मांगलम सु मनोहर सु पदम च शुभम
कल्याण कमनीय शुभ सकम इति गम्यम
माधुर्य मकरम वधुवर सुखम
स्नेह स्थिर कीर्त दाम सुख वर्धनम
कहीं तुझे लगे धूप तो
वहां बनू तेरा साया मैं
जहां मुझे तू आवाज दे
वही मैं कहूं के आया मैं
तुझे संभाल के है रखना प्यार से
तुझी से तो ये जन्नत सा घर बसे
अप्सरा हाय अपसरा हाय
है बेहतरीन बेहतरीन अपना कल बेहतरीन है