छुआ तूने बह गया मैं हीरिए
जो अब तक किसी ने ना किया
इश्क ऐसा इश्क ऐसा चाहिए
जो अब तक किसी ने ना किया
इश्क ऐसा इश्क ऐसा चाहिए
ऐसी दीवानगी से मैं चाहूं तुझे
जैसे पहले दफा कोई पागल हुआ
हुआ मैं हुआ मैं हुआ मैं
धुआं से मैं उठा
जो तेरा हुआ मैं
हुआ मैं हुआ मैं रंजना
हुआ मैं हुआ मैं