कितनी भी रातें घनी हो
कितने भी रास्ते हो बंजर
दरमियाँ घर आ भी जाये
सातों के सातों समंदर
कितने भी रास्ते हो बंजर
दरमियाँ घर आ भी जाये
सातों के सातों समंदर
देखने को तुझे बस
एक नज़र एक नज़र
कर मैं जाउंगा तय अब
हर सफर हर सफर
इश्क का, इश्क का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
इश्क का, इश्क का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
बारिश हवा भी तुझको चुए
दिल मेरा बेताहाशा जलता है
हद कर रही है ये आशिकी
आशिकी पे ज़ोर ना चलता है
ख़ुद से दूर मैं हुआ
बे नूर भी हुआ
दिल ने छोड़ा नहीं पर सबर
इश्क का, इश्क का है असर
इश्क का, इश्क का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
इश्क का, इश्क का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर