चाहे देने पड़ जाए सौ इंतेहां
चाहता रहूँ तुझे बे इंतेहां
चाहे देने पड़ जाए सौ इंतेहां
खुशियाँ दे आशिकों को
देता कभी ये गम..
होता ही जाए ज्यादा
होता नहीं ये कम
इश्क नहीं आसान सनम
दिल से होता है ये शुरू
जान पे होता है ये खतम
ओह ओह ओह ओह ओह
मैंने खुदा से है पूछा
तुझसा कोई नहीं दूजा
तेरे लिए करूँ सजदा
तुझसे अब है क्या पर्दा… ओह हो ओह
हम हम हूँ
पाया तुझे है जिस पल से
सीखा है जीना उस पल से
तेरी मुझे तो आदत है
सांसों की तू राहत हैं
इश्क नहीं आसान सनम
दिल से होता है ये शुरू
जान पे होता है ये खतम
चाहा तुझे ताहे दिल से
हासिल किया है मुश्किल से
तुझको कसम ना खो जाना
दूर ना मुझसे हो जाना हा आहा हा
इश्क तो मेरा सच्चा है
ना दिल का धागा कच्चा है
समझ मेरे जज्बातों को..
छोड़ना मेरे हाथों को
इश्क नहीं आसान सनम
दिल से होता है ये शुरू
जान पे होता है ये खतम
ओह ओह ओह ओह ओह