जिन आज्ञा पाले गुरु आधारे
बढ़ चले संयम को धारे
आत्म धारे आत्म धारे आत्म धारे
बढ़ चले संयम को धारे
आत्म धारे आत्म धारे आत्म धारे
लड़खड़ाते वक्त की आवाज खरतार
सम्यक्त्व की प्रभु तका आगाज़ खरतार
एक ही गूंज है
एक ही गूंज है
एक ही गूंज है आत्मा में आज खरतार
सन सनन सन सनन
हर साँस खरतर
झन झनन झन झनन
झनकार खरतर
सन सनन सन सनन
हर साँस खरतर
झन झनन झन झनन
झनकार खरतर
हो ओ..हो ओ..ओ..
सत्य की शहनाईयों का नाद खरतार
सौर्य की उचाईयों का स्वाद खरतर
वर्ध मानिके ज्ञान का निष्कर्ष खरतार
जिनेश्वर की साधना का स्पर्श खरतर
एक ही गूंज है
एक ही गूंज है
एक ही गूंज है आत्मा में आज खरतर