ज़ुल्फ़ तेरी सुलझाने में
ख़्वाब तेरे सिरहाने में
ज़ुल्फ़ तेरी सुलझाने में
जागा ऐसा के ना सो सका
मखमली मिज़ाज तेरे रेशमी एहसास तेरे
दयारे में तेरे ही रहा
ख़्वाहिश मेरी तू ही रहगुज़र
सोचूं तुझे ही मैं तो हर पहर
तेरी तेरी तेरी जो बातें हैं
मीठी मीठी मीठी सी बातें हैं
जागी जागी जागी सी रातें हैं
महकी महकी महकी सी यादें हैं
तू ही मंज़िल मेरी तू ही मेरा रास्ता
मेरी सांसों का है तुझसे ही वास्ता
तुझसे शुरू मेरी तुझ पर ही ख़त्म हो
आ लिख दूं मैं ज़रा कुछ ऐसी दास्तां
तेरे बग़ैर अब तो रह भी ना पाऊं मैं
देखूं जहां भी देखूं तुझको ही पाऊं मैं
तेरी तेरी तेरी जो बात हैं
मीठी मीठी मीठी सी बातें हैं
जागी जागी जागी सी रातें हैं
महकी महकी महकी सी यादें हैं
आज उसकी ज़िंदगी की सबसे हसीन रात थी
लाल जोड़े में सजी आज उसकी ख़ूबसूरती लाजवाब थी
उसकी आंखों में नमी होठों पर छुपते
मेरे दिल का हाल बता रही थी
मेरी महबूबा मेरे ही सामने आज
किसी और की बनने जा रही थी