किसी आशियाने में
किसी आशियाने में मुनिया सी लड़की
रहती थी जैसे मुनिया सी लड़की
रहती थी जैसे नन्हीं सी कली हो
और लाखो तूफ़ान
किसी आशियाने में
किसी आशियाने में मुनिया सी लड़की
रहती थी जैसे नन्हीं सी कली हो
और लाखो तूफ़ान
किसी आशियाने में
खोली जब आंखें तो किसी को ना पाया
बाबुल का प्यार ना ममता का साया
खोली जब आंखें तो किसी को ना पाया
बाबुल का प्यार ना ममता का साया
दुनिया बेगानो की थी
किसी ने गले ना लगया
रंज-ओ-गम सहती वो
हाय रब्बा जैसे वो
नन्हीं सी कली हो
और लाखों तूफ़ान
कैसी आशियां में
बचपन बिता
हाय बचपन बिता फ़िर
उसपे जवानी आई
बचपन बिता फ़िर
उसपे जवानी आई
कहीं शहनाई बाजे
वो बेचारी सोचे हाय
सजेगी ना मेरी अंगनाई
काँटों भरी डाली थी वो
काँटों पे बहार कब आई
टूटे सपने लेके वो
जिंदा रही जैसे वो
नन्हीं सी कली हो
और लाखो तूफ़ान
किसी आशियाने में
किसी आशियाने में मुनिया सी लड़की
रहती थी जैसी नन्हीं सी कली हो
और लाखो तूफ़ान
किसी आशियाने में