हम्म…
क्या हुआ क्यों हुआ, कुछ पता नहीं
जिंदगी है जुवान और कुछ नहीं
कल क्या न होगा जाने, कोई भी यहाँ
फिर भी न जाने क्यों ये, बनते हैं खुदा
हम्म… ऊ…
क्या हुआ क्यों हुआ, कुछ पता नहीं
जिंदगी है जुवान और कुछ नहीं
कल क्या न होगा जाने, कोई भी यहाँ
फिर भी न जाने क्यों ये, बनते हैं खुदा
हम्म… ऊ…
मैं ही मैं हूँ, आसमान तक
मैं ही मैं ज़मीन हूँ
मैं ही रख हूँ, मैं ही रोशन
मैं ही आग भी हूँ
कैसा भी हो, लौट ता है, वक़्त की है कहानी
रो रही है मेरी धड़कन, सुन रही है जुबानी
देखो न आगे क्या है, किसको है पता
फिर भी न जाने क्यों ये, बनते हैं खुदा
ऊऊ… ओ… ऊऊ…