उड़ते बादलों से पूछो मेरा पता
चलती मेरी ही साँसों से ये हवा
जो भी होना है हो जाने दो
देखा जायेगा
चलती मेरी ही साँसों से ये हवा
जो भी होना है हो जाने दो
देखा जायेगा
क्यों करूं फिक्र
क्यों करूं फिक्र
डर किस बात का
तेरे कदम ठहर जाते हैं क्यूँ
जो लोग बस करते हैं जज
है नासमझ कोई क्या कहे
हम बादलों में उड़ रहे
क्योंकि हमें अच्छा लगे
चले दिल उधर हो जिधर हवा
सड़क से भटक के अलग सी राह
कोई पकड़ न पाये
जो भी होना है हो जाने दो
देखा जाएगा
क्यों करूं फ़िकर