माफी Maafi Lyrics in Hindi – Kanguva

आरारो आरे रारो आरा आरे रारो
आरारो आरे रारो आरो आरो आरारो
आरारो आरे रारो आरा आरे रारो
आरारो आरे रारो आरो आरो आरारो

धरती ये जो सीने को चीर के प्यास बुझाती है
शाखों को जो काटे हम वो साया बरसाती है
सौ चोटें खाता है पत्थर तब मूरत बन पाती है
पत्थर को जो तराशे से पत्थर से मूरत बन जाती है

माफी है मसले हुए फूलों की खुशबू की तरह
माफी के बिन जिंदगी बे रूह की तरह
माफी है मसले हुए फूलों की खुशबू की तरह
माफी के बिन जिंदगी बे रूह की तरह

आरारो आरे रारो आरा आरे रारो
आरारो आरे रारो आरो आरो आरारो
आरारो आरे रारो आरा आरे रारो
आरारो आरे रारो आरो आरो आरारो

दिल को धीरे धीरे खा जाए इंतकाम की नागन
पर जो दिल खुद टूटा हो माफ करे तो वो भगवन
अरे इंसा गलती का पुतला है गलती कर कर सीखे
हर गलती की जो होगी सजा तो बचेगा क्या जीवन

पतझड़ में पेड़ से पत्ता पत्ता टूटे गिर जाए
मौसम बहार का हो तो डाली डाली कलिया मुस्काए

माफी है मसले हुए फूलों की खुशबू की तरह
माफी के बिन जिंदगी बे रूह की तरह
माफी है मसले हुए फूलों की खुशबू की तरह
माफी के बिन जिंदगी बे रूह की तरह

आरारो आरे रारो आरा आरे रारो
आरारो आरे रारो आरो आरो आरारो

गोबर की गर्मी से हाथी है कितनी दूर बता दूं
गहरे पंजे के निशा से वजन में शेर का बतला दूं
पत्थर पे कान लगा के मैं पानी का स्रोत बता दूं
चिड़ियों की चहक से झरना है किस और ये बतला दूं

वैसे जंगल के कोने कोने की मुझको खबर है
मुन्ना पर तेरा दिल है एक पहेली जो ना सुलझ पाए

माफी है मसले हुए फूलों की खुशबू की तरह
माफी के बिन जिंदगी बे रूह की तरह
माफी है मसले हुए फूलों की खुशबू की तरह
माफी के बिन जिंदगी बे रूह की तरह

आरारो आरे रारो आरा आरे रारो
आरारो आरे रारो आरो आरो आरारो

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