मैं ना जानूँ क्यूँ Main Na Jaanu Kyun Lyrics in Hindi – Jubin Nautiyal

तेरी आँखों की किरणों में सूरज का सोना है
जिसको बटोरूँ सारी रात
तेरे ख्वाबों की धरती पे
साँसों की गर्मी को
छू कर जालें हैं मेरे हाथ

फिर भी तुझसे शुरू
तुझ पे ही खत्म
होती है हर मेरी बात

मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों

मेरी दिल की दीवारों पे
अब तो चढ़ा है
तेरे प्यार का रंग ये लाल
लोग ये पूछे क्यों हो रहा दीवाना
पर मैं भी न बोलूं क्या है मेरा हाल
क्यूंकि तुझसे शुरू
तुझपे ही खतम होते हैं सब सवाल

मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों

हर सांस में है तेरा ही नशा
हर लफ़्ज़ में तेरी याद

हर सांस में है तेरा ही नशा
हर लफ़्ज़ में तेरी याद
तू ही तू दिन के उज्जालों में है
तू ही अंधेरों के बाद

क्यूंकि तुझसे शुरू
तुझ पे ही खतम
होते हैं सब ज़ज़्बात

मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों

मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों
मैं न जानूं क्यों..

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