ख्वाब चुभते हैं आंखें मैं आके
दिखाउ किसको ज़ख्म ये दिल के
संभल ना पायेगा मेरा दिल फिर
मैं तो अधूरा ही रहा
ओ मैं तो अधूरा ही रहा
दिखाउ किसको ज़ख्म ये दिल के
संभल ना पायेगा मेरा दिल फिर
मैं तो अधूरा ही रहा
ओ मैं तो अधूरा ही रहा
बिखर बैठा हूं टूटकर ऐसे
बिना माँझी के ना अब हो जैसे
बादल के राहें जा चूका तू भी
मैं तो अधूरा ही रहा
ओ मैं तो अधूरा ही रहा
ऐसे किधर गया तन्हा तू कर गया
सारी उमर तू ही रहेगा मेरा
तेरे लिए रुका उफ़ भी ना कर सका
ऐसे किसिको कोई दे ना दग्गा
अधूरी मेरी सारी ख्वाहिशें
लगी है नैनों से बारिशें
बेवफा नजर ने तेरी जहां ले लिया
वजह थी जो भी बता तो देता
ना होगा तेरे बिन ग़ुज़ारा पर
मैं तो अधूरा ही रहा
ओ मैं तो अधूरा ही रहा