मन लागे ना मोरा मन लागे ना
मन लागे ना मोरा मन लागे ना
मन लागे ना मोरा मन लागे ना
जिसकी लगन मोहे ऐसी लगी है
जिसकी लगन मोहे ऐसी लगी है
वही आए ना मन लागे ना
मन लागे ना मोरा मन लागे ना
रात ये सर पे कहे खड़ी है
किस बात पे जाने ऐसी अड़ी है
भेद भरी जैसे, बात कोई रे
बतलाए ना मन लागे ना
मन लागे ना मोरा मन लागे ना
ठहरा हुआ सा हर पल यहाँ है
आया गया तो कोई नहीं है
गूंजे मगर फिर आहट से किस की
मन अंगना मन लागे ना
मन लागे ना मोरा मन लागे ना
कभी हम ना थे कभी तुम ना थे
अब बस फासले हैं
इंतज़ार है मन लागे ना