ले तेरी मिट्टी तुझे लौटा दी
तेरा कर्ज़ चुकाया है
कभी दुश्मनों के
आगे झुकना सर जो
तेरे आगे झुकाया है
तेरा कर्ज़ चुकाया है
कभी दुश्मनों के
आगे झुकना सर जो
तेरे आगे झुकाया है
मरना भी तुम पे जैसी
कोई जश्न यारों
मरना नसीबों वाली मिलती है कम
तेरी जमी पे लूंगा फिर मैं जन्म ताकि
फिर बोल पाऊं वंदे मातरम्
सुजलम् सुफलम् मलयजा शीतलम्
शस्यश्यामलाम् वन्दे मातरम्,
सुजलम् सुफलम् मलयजा शीतलम्
शस्यश्यामलाम् वन्दे मातरम्
ज्यादा नहीं है यारों
कुर्बानी दे वाले
देश के नाम पे अपनी
जवानी देने वाले
हर रिश्ते से पहले वतन को रखने वाले
वतन की खातिर चिता पे
बदन को रखने वाले
राख हुआ तो क्या हुआ मैं धुआ तो क्या
सरहद पर पहरा दूंगा बनाके पवन
सुजलम् सुफलम् मलयजा शीतलम्
शस्यश्यामलाम् वन्दे मातरम्,
सुजलम् सुफलम् मलयजा शीतलम्
शस्यश्यामलाम् वन्दे मातरम्