हो तू दिल तोड़ने में माहिर
पर टूटे दिल का क्या कीजे
मैं महफ़िलों की शायर
पर तेरे ज़िक्र का क्या कीजे
पर टूटे दिल का क्या कीजे
मैं महफ़िलों की शायर
पर तेरे ज़िक्र का क्या कीजे
ये गम होगा
तो कितने गम ना होंगे
ये गम होगा
तो कितने गम ना होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन
हम ना होंगे
मोहब्बत करने वाले
कम ना होंगे
दिलो की उलझने
हां उलझने उलझने
उलझने उलझने
दिलो की उलझने
बढ़ते रहेंगी
अगर कुछ मशवरे का
हम ना होंगे
अगर कुछ मशवरे का
हम ना होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन
हम ना होंगे हम ना होंगे
मोहब्बत करने वाले
मोहब्बत करने वाले
कम ना होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन
हम ना होंगे
मोहब्बत करने वाले करने वाले
करने वाले करने वाले
कम ना होंगे