मौसम शरारत का महका हुआ है
पहला दफा दिल भी बहका हुआ है
ये बूंदों की छन छन
बढ़ जाती है धड़कन
ऐसे में ये इश्क भी गहरा हुआ है
पहला दफा दिल भी बहका हुआ है
ये बूंदों की छन छन
बढ़ जाती है धड़कन
ऐसे में ये इश्क भी गहरा हुआ है
दुआ है दिलों को भागोती रहे
मोहब्बत की बरसात होती रहे
दुआ है दिलों को भीगती रहे
मोहब्बत की बरसात होती रहे
डूबे से हम हैं
पल बेशरम हैं
सावन की आगोश में
काली घटाएं पागल बनाएं
कैसे रहें होश में
इन भीगी रातों में
बातें ही बातों में
बहने लगे दरिया ये बेखुदी के
दुआ है दिलों को भीगोती रहे
मोहब्बत की बरसात होती रहे
दुआ है दिलों को भेगोटी रहे
मोहब्बत की बरसात होती रहे
उफ़ क्या समा है
रुत भी जवाँ है
मदहोश है आसमान
आ दोनों मिल के पानी के दिल पे
किस्से लिखे कुछ यहाँ
बाहो में यू आना
आके फिर ना जाना
जादू चल रहे एक दूसरे पे
दुआ है दिलों को भागोती रहे
मोहब्बत की बरसात होती रहे
दुआ है दिलों को भागती रहे
मोहब्बत की बरसात होती रहे