जाने क्यों
रुकती नहीं ये बारिशें
रुकती नहीं ये बारिशें
जाने क्यों
रुकती नहीं ये बारिशें
जाने क्यों
बुझती नहीं ये आतिशें
हो दिल का सवाली
जाने नहीं
क्यों मेरा साईं
माने नहीं
दर्दे दुआ से
अब दिल मेरा
उठ गया, उठ गया
उठ गया
ना दूर है ना पास है
एक बेसुमार एहसास है
जाने क्यों डूबी
दिल की कश्तियाँ
ना दूर है ना पास है
एक बेसुमार सी प्यास है
जाने क्यों डूबी
दिल की कश्तियाँ
मुझको है तेरा यकीन
क्यों तुझको मेरा नहीं
सैयां ये बता
कहते हैं तू रूह-बरू
देखता नहीं फिर भी क्यों
मुझको तू बता
आजा उतार के
नीचे ज़रा
एक बार मुझसे
नज़रें मिला
खामोश दिल की
तू भी सदा
सुन ज़रा, सुन ज़रा
ना दूर है ना पास है
एक बेसुमार एहसास है
जाने क्यों डूबी
दिल की कश्तियाँ
ना दूर है ना पास है
एक बेसुमार सी प्यास है
जाने क्यों डूबी
दिल की कश्तियाँ…