पर चल नहीं पा रहे
बस निभा रहे
जाना ऐसी मजबूरी है क्या ये
तेरा मेरा दोष नहीं
हम दो बेचारे हैं दीवारें
पहले वाला नहीं है वो मजा
अब पहले जैसी बात नहीं
ओ…
हम पहले जैसे साथ नहीं
अब पहले जैसे खास नहीं
ओ…
क्यों पहले जैसी बात नहीं
साथ मैं नहीं
पर बढ़ते ही जा रहे हम
खुशियाँ थीं पहले अब दर्द के सहारे हम
वैसे का वैसा पता नहीं क्या मिसिंग है
दुनिया के लिए बस रिश्ता निभा रहे हम
पटरी के जैसे बस जुड़ ही नहीं पा रहे हम
भारी ये रिश्ते साथ उड़ ही नहीं पा रहे हैं
वो खुशबू नहीं पहले क्यों मुरझे से फ्लावर हैं
हम दोनों की गलती नहीं, दोनों बेचारे हैं
मुझे पसंद नहीं अब मैं वो बंधा नहीं
मुझे पसंद नहीं अब मैं वो बंधा नहीं
हम जैसे थे पहले क्यों वैसे नहीं
अब मर रही ये फीलिंग और कंधा नहीं
शायद रह-रह कर साथ में उब गए
अब चाहने को दिल ढूंढे रूप नए
हो सकता है लिखा था इतना ही साथ
क्यों प्यार के झरने यूँ सुख गए
अब पहले जैसी बात नहीं
ओ…
हम पहले जैसे साथ नहीं
अब पहले जैसे खास नहीं
ओ…
क्यों पहले जैसी बात नहीं
मुझे थोड़ा बता दे
कैसे रिश्ते संभाले
मुझे थोड़ा बता दे ना
अब कोई बता दे
कैसे रिश्ते संभाले
अब कोई बता दे ना
जाने क्यों ये हमको हुआ
धुंधला लगे आसमा
जाने क्यों ये हमको हुआ
धुंधला लगे आसमा
अब पहले जैसी बात नहीं
ओ…
हम पहले जैसे साथ नहीं
हम पहले जैसे खास नहीं
अब पहले वाली बात नहीं
अब पहले जैसी बात नहीं
ओ…
हम पहले जैसे साथ नहीं
हम पहले जैसे खास नहीं
अब पहली वाली बात नहीं