काफी ऊंची थी उड़ान और हम फिर गिरे
दिल मिले बिछड़े हम भूले सिलसिले
दिन गिने गिड़गिड़े थे अब चिड़चिड़े
इन दिनों है मुस्कानों में उदासी
तेरी आँखों में है आँसू और तू कहती ये उबासी
दर्द हो रहा तुझे भी और मुझे भी
पर ये रातें तेरे बिन अब मुझको हर लम्हा सताती
मैंने सोचा ना था कि अब नोचेंगे मुझे ये बुरे सपने
दबोचेंगे ख़्याल तेरे और हम लगेंगे दबने
निशब्द है ज़ुबान ये मेरी तुझको क्या मतलब?
अब आँसू बहते हैं मेरे ये बरसे सावन बन
मुझे दे दवा मेरा दर्द दे मिटा
ना कोई है गवाह ना कोई है निशान
तेरे दिल में हूँ कैद मुझे कर दे रिहा
मुझे कर दे रिहा
दिल गुम फरियादों में हम गुमसुम गलियारों में
बस गुपचुप कई बातों से हम रहे परेशान
अब हर ग़म किनारों पे बहते अफ़सानों में
जनाज़े मोहब्बत के उठाने मैं चला
मेरी आत्मा भी कहती है अब रास्ते हैं मुश्किल आगे
शायद कुछ हो जब अगली बार आए मुक्ति पाकर
कोई सुख दिला दे दुख है हर जगह यहाँ पे
तुझसे दूरी हो गई अब है काली मेरी शामें
मुझको दे दे तेरा सच अपने मुखौटों को जला दे
ना चाहिए मुझे ये मृग मरीचिका ये छलावे
हमराज़ हमनशीं हर दीवार को गिरा दे
तेरे चेहरे का कसूर खुद से आँखें ना मिलाते
मुझे दे दवा मेरा दर्द दे मिटा
ना कोई है गवाह ना कोई है निशान
तेरे दिल में हूँ कैद मुझे कर दे रिहा
मुझे कर दे रिहा