जागे जागे जज़्बात मेरे
पिघली पिघली लम्हात में है
बहकी बहकी है तन्हाई
महके महके दिन रात भी है
पिघली पिघली लम्हात में है
बहकी बहकी है तन्हाई
महके महके दिन रात भी है
जो तुम मिले तो दिल खिले
जाने जा इतने दिन तुम थे कहाँ
जो थी दूरी थी मजबूरी
जाने जा अब हम हैं साथ यहाँ
दिन दिन भर थी याद तेरी
सूनी सूनी थी हर रात मेरी
साथिया, साथिया
तेरे बिन मैं भी था तन्हा
दिल था दर्द था और मैं था
साथिया, साथिया ओ..
ओ भूले सब गिले
बस मिलते ही गले
कुछ इस तरह मिले हम हैं
बाहों के घेरे में
धुंधले उजाले में
उजले अंधेरे में
हम हैं कि जैसे कोई
अपना सपना वो चुपके से सच हो
और ज़िंदगी पे छा जाए
देखो न ज़िंदगी
है हंसी जो बीती
दूरियाँ अब नहीं
साथिया, साथिया