सजी धजी आयी होली Saji Dhaji Aayi Holi Lyrics in Hindi – Kailash Kher

खिली बसंती, सरसों खिल गये टेसू और पलाश
रंग रंगीलों, रास रसिलो आया फागुन मास

बिखरी ख़ुशियों की सुगंध (आई होली)
घर घर आनंद ही आनंद (आई होली)
बिखरी ख़ुशियों की सुगंध
घर घर आनंद ही आनंद
ढ़ोल नगाड़े, नुक्कड़ बाड़े बाड़े
गली मोहल्ले, खुले भितल्ले
गूंज रहे होली के छंद

लायी रंगो उमंगों की फुहार
सजी धजी आयी होली
इतने रंगो के लागे अंबार
धूम मची आयी होली

भरी मारी पिचकारी
साड़ी अँगिया भिगोयी
होरी आयी देखो होरी आयी
सरारारा
लाल गुलाल गाल पर मल दे
ग्वाल बाल संघ राधा रानी होली खेले
तिन तिन न त्रकि धिन न

उड़ रहे अबीर गुलाल
नीले पीले लाल गुलाल
मस्ती में झूमे जन जन
रंग गये एक तन मन

बातें छोड़ो जी सब बेकार
झूमो नाचो आयी होली
ख़ुशियों का मनाओ त्योहार
बाँटो मिठाई आई होली

तिन तिन न
त्रकि
धिन दिन न न
धिन दिन न
धिन दिन न न
तिन तिन न
दिग धिग दिग धिग थई

सारारारारा

पीलो राम जैसे
नीले श्याम जैसे
मुख रंग बिरंगे
लगे एक जैसे
कोई सीता बनके
कोई राधा बनके
प्रेम रंग में डूबी
आपने अपने मन के

लायी रंगो उमंगों की फुहार
सजी धजी आयी होली
इतने रंगो के लगे अंबार
धूम मची आयी होली
बातें छोड़ो जी सब बेकार
झूमो नाचो आई होली
ख़ुशियों का मनाओ त्योहार
बाँटो मिठाई आई होली

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