जितनी काली
काम दिए का
बस जलना है
ये जीत हार है
बाद की बातें
काम तेरा तो
बस लड़ना है
नीयत जब पाक है इरादे साफ़ हैं
जो होगा तेरा रब देखे तू
रब पे छोड़ दे
शाबाश
शाबाश जवाना
शाबाश जवाना
जो होगा तेरा रब देखे
तू रब पे छोड़ दे
आस ने सबको आज पुकारा
आई हाथ दिलासा
सबकी अम्बर प्यास बुझाए
बैठा खुद ही प्यासा
धूप ये जितनी
पाँव पसारे
छाँव भी निकलेगी
बात है अब
मिट्टी की बंदे सिर्फ
ज़मीन की नहीं
शाबाश
शाबाश जवाना
शाबाश जवाना
जो होगा तेरा रब देखे तू
रब पे छोड़ दे
जंग शुरू होने से पहले
जंग इन्हें लग जाएगी
किसको यार पता था तेरी
शमशीरें झुक जाएँगी
हिम्मत जब टूटी है
कैसे कोशिश भी लड़ पाएगी
छुप जा बंद घरों में तू
डर की आवाज़ तो आएगी
मिट्टी से जिस्म की
भट्टी में
पूरजोर धड़कता
सीना है
सुलगे हैं फिर से
ये अब न बुझेंगे
तूफानों में तो और जलेंगे
भड़के अंगारे
शाबाश
शाबाश जवाना
शाबाश जवाना
तूफानों में तो और जलेंगे
भड़के अंगारे
शाबाश जवाना
शाबाश जवाना
जो होगा तेरा रब देखे तू
रब पे छोड़ दे
शाबाश