हक़ है हमको कुछ आज करले
दुनिया चाहे ऐतराज़ करले
बिगड़े ज़्यादा सुधरे हुए कम
अब तोड़ेंगे हर कायदा हम
दुनिया चाहे ऐतराज़ करले
बिगड़े ज़्यादा सुधरे हुए कम
अब तोड़ेंगे हर कायदा हम
होश नहीं शाम से, कल मिलो काम से
अभी तोह हम देख लो बिल्कुल गए
के घर के सारे रास्ते भूल गए
वो जो भी हमें देखे वो कहता रहे
के आज शेर खुल गए
घर के रास्ते भूल गए
अब तोह हम बिल्कुल गए
आए ऐसी छोर में
के जो भी हमें देखे वो कहता रहे
के आज शेर खुल गए
मुझसे नशे में गलती हो जानी है आज तोह
यारा संभालना कोई हो जाए नाराज़ जो
मैं आज बदमाश हो रहा हूँ, कल शरीफ था
बिगड़ा हिसाब दिल का पहले तोह यह ठीक था
होश नहीं शाम से, कल मिलो काम से
अभी तोह हम देख लो बिल्कुल गए
के घर के सारे रास्ते भूल गए
वो जो भी हमें देखे वो कहता रहे
के आज शेर खुल गए
घर के रास्ते भूल गए
अब तोह हम बिल्कुल गए
आए ऐसी छोर में
के जो भी हमें देखे वो कहता रहे
के आज शेर खुल गए