शिकायत Shikayat Lyrics in Hindi – Tony Kakkar

जिंदगी, तू आना, एक शाम मिलेंगे
बैठेंगे, तेरी शिकायत करेंगे

ये मुझे गिराते हैं क्यों अक्सर
जो खुद को उठा भी नहीं सकते
ये रिश्ता बनाते ही क्यों हैं जब
रिश्ता निभा ही नहीं सकते
जीना तो पड़ता है, सबके लिए
जल्दी तो मर भी नहीं सकते
बेगानों से तुम लड़ सकते हो
अपनों से तो लड़ भी नहीं सकते

जिंदगी, तू आना, एक शाम मिलेंगे
बैठेंगे, तेरी शिकायत करेंगे

बचपन भी कितना सुहाना था
बस माँ को गले से लगाना था
तकलीफें जितनी भी हों चाहे
थोड़ा रोना था और भूल जाना था
रास्ते वही हैं, सफर है वही
किसी को किसी की कदर ही नहीं
आए हैं शहरों में बेकार हम
गाँव में ही रह जाना था

जिंदगी, तू आना, एक शाम मिलेंगे
बैठेंगे, तेरी शिकायत करेंगे

बनाने वाले, तूने क्या कर दिया
भाई से भाई झगड़ता है
हर शख्स उसी से अकड़ता है
जिंदगी, तेरा है कर्ज बड़ा
ये कर्ज चुकाना पड़ता है
मिली मुफ्त में जिंदगी तू मगर
पैसा कमाना पड़ता है

जिंदगी, तू आना, एक शाम मिलेंगे
बैठेंगे, तेरी शिकायत करेंगे

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