मेरी उम्र बीत गई गोकुल में
मैं तो बन के दूलन आज सजी
बस तुम ही हो मेरे तन मन में
हो मेहदी लगाऊ मैं गजरा सजाऊ
मेरा है तू ये जग को दिखाऊं
देखते जाऊं मैं संग बिठाऊ
इश्क है तुझसे तो मैं क्यों छुपाऊं
मोहे तुम हो सुहागन की हीरे
तूम बिन मैं कहां जी पाऊंगी
क्यों आए ना मोरे सांवरिया
उन्हें सखिया भेज बुला लूगी
वादा किया जो अब तो निभा दे
दोनों का अपना घर तू बसा दे
घूँघट उठा दे तू मांग सजा दे
मेरा है तू ब्रिज को बता दे
सारे मौसम तेरे संग गुजरे
तेरे साथ रहूंगी सावन में
श्यामा आन बसो वृंदावन में
मेरी उम्र बीत गई गोकुल में
मैं तो बन के दूलन आज सजी
बस तुम ही हो मेरे तन मन में
हो याद है मुझको मेरे वादे
रग रग में तेरा प्रेम है राधे
सारी दुनिया को तू बता दे
प्रीत बिना सब आधे-आधे
राधे कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
राधे कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
राधे कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
राधे कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
श्यामा आन बसो वृंदावन में
मेरी उम्र बीत गई गोकुल में
मैं तो बन के दूलन आज सजी
बस तुम ही हो मेरे तन मन में