हो..
फिक्रें हैं तेरी
इतनी हैं के भूल गई खुद को
तेरे लिए मैं
जोगन बनके घूमूं दर-दर को
आजा ना तू इससे पहले
हो जाऊं बदनाम
सांसों की माला पे
सिमरु मैं तेरा नाम
अपने मन की जानू
और तेरे मन की राम
सांसों की
सांसों की माला पे
सिमरु मैं तेरा नाम
सांसों की माला पे
सिमरु मैं तेरा नाम
एक ही दिल है एक ही जान है
दोनों मैं तुझपे वारूं
सामने बैठे तू छूने से पहले
मैं तेरी नजर उतारूं
तेरे लिए कुछ
बातें लिखी हैं
तुझको सुनानी है
जिसमें तू राजा मैं रानी बनी थी
वो कहानी बतानी है
अब तो आजा तू कबसे है ये पड़ी
मांग मेरी सुनसान
सांसों की माला पे
सिमरु मैं तेरा नाम
सांसों की माला पे
सिमरु मैं तेरा नाम