सिलसिला Silsila Lyrics in Hindi – Arijit Singh
तेरी मेरी मिली रहे अनजाने में तक़दीर ये क्यों लिखी खुद रब जाने जो मिला है लगता है धड़कन में है घुला अब शायद सांसों में शुरू होने को है चला ये सिलसिला तारों तले बातों का उजली हुई रातों का होने को है चला ये सिलसिला ताज़ी बुनी यादों का दो ख्वाबों का सिलसिला … Read more