झीणी झीणी उड़े रे गुलाल चारभुजा रा मंदिर में लिरिक्स
झीणी झीणी उड़े रे गुलाल चारभुजा रा मंदिर में लिरिक्स झीणी झीणी उड़े रे गुलाल, चारभुजा रा मंदिर में, झीणी झीणी उडे रे गुलाल, छोगाला रा मन्दिर में।। राम रेवाड़ी निकले प्यारी, जिण में नाचे नर और नारी, छोगाला ने रिझाय, चारभुजा रा मंदिर में, झीणी झीणी उडे रे गुलाल, चारभुजा रा मन्दिर में।। चारभुजा … Read more