भावना बत्तीसी जैन भजन लिरिक्स Bhawna Battisi Jain Bhajan Lyrics
भावना बत्तीसी जैन भजन लिरिक्स Bhawna Battisi Jain Bhajan Lyrics प्रेम भाव हो सब जीवों से, गुणीजनोंमें हर्ष प्रभो।करुणा स्रोत बहे दुखियों पर, दुर्जन में मध्यस्थ विभो॥(1) यह अनन्त बल शील आत्मा, हो शरीर से भिन्न प्रभो।ज्यों होती तलवार म्यान से, वह अनन्त बल दो मुझको॥(2) सुख दुख बैरी बन्धु वर्ग में, काँच कनक में … Read more