तस्करी Taskari Lyrics in Hindi – Ustad Rashid Khan, Jyotica Tangri
खाली खाली ख़ाबों के खांचे तेरे बिन झूठी झूठी रातें सारी झाँसे मेरे दिन बादल जब भी छाये आँखें भरी, आँखें भरी तस्करी तेरे सपनों की सूनी रातों में करती हूँ मैं जनवरी तेरे जाड़ों की हर मई याद करती हूँ मैं तेरे मेरे बीच जो रहा ना रहा रह जाने दे है अनकही का … Read more