हुन्न.. हो..
तुझसे मेरा जीना मरना
जान तेरे हाथ में
सौ जन्म भी कम क्यों लागे
लागे तेरे साथ में
मैं मुसाफिर तू मुसाफिर
इस मोहब्बत के सफर में
दो अकेले रोएं मिलके
दोनों रब के घर में
साथ तेरे ना सफर
वो सफर नहीं लगता
तू है तो दिल धड़कता है
तू है तो सांस आती है
तू ना तो घर घर नहीं लगता
तू है तो डर नहीं लगता
तू है तो गम ना आते हैं
तू है तो मुस्कुराते हैं
के तेरे बिन सो नहीं सकते
किसी के हो नहीं सकते
तू है तो हा.. हां..
तू है तो..
कोई नहीं मेरा
ज़रूरत तेरी
लागे ना जिया
देखूं जो ना सूरत तेरी
तू है तो दिल धड़कता है
तू है तो सांस आती है
तू ना तो घर घर नहीं लगता
तू है तो डर नहीं लगता
तू है तो गम ना आते हैं
तू है तो मुस्कुराते हैं
के तेरे बिन सो नहीं सकते
किसी के हो नहीं सकते
तू है तो हा.. हां..
तू है तो..