रेत पे पांव तेरे
यूँ थिरकते कारवां में
जिस तरह लौ मशालों की मचलती है हवा में
यूँ थिरकते कारवां में
जिस तरह लौ मशालों की मचलती है हवा में
चांद आधा करे चेहरे की तेरी ये नकाबें
तेरी आँखों में सारे शायरों की हैं किताबें
तर बतर तू खुशबूँ से है
मिल गई तू मजनूँ से है
ओह मरहबी मरहबी
आ इश्क तू जगा दे
वल्लाह हबीबी
वल्लाह हबीबी
करार ना मिले बयार ना मिले
हाँ प्यार ना मिले तारीफ से बाजार में
वो हुस्न क्या भला वो क्या है आशिकी
संवार ना सके जो प्यार में, जो प्यार में
तर-बतर तू खुशबूँ से है
मिल गई तू मजनुओं से है
ओह मरहबी, मरहबी
आ इश्क तू जगा दे
वल्लाह हबीबी
वल्लाह हबीबी
वल्लाह हबीबी
वल्लाह हबीबी