ज़ालिम Zaalim Lyrics in Hindi – Badshah, Payal Dev

पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
नहीं कोई फिकर मुझको
किसी अंजाम की ज़ालिम

गिनूं सांसें जपूं माला
बस तेरे नाम की ज़ालिम
पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम

पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
नहीं कोई फिकर मुझको
किसी अंजाम की ज़ालिम

गिनूं सांसें जपूं माला
बस तेरे नाम की ज़ालिम
पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम

ओये छोरी तेरी परी हाथ लगा के देखा नरम बड़ी
हंड्रेड डिग्री हंड्रेड डिग्री गरम बड़ी करम जली

पगली ये ट्रिप्पी अलग है
माइंड में लगा मेरे चिप ही अलग है
एक बार जो थामा तेरा हाथ
तोह छूटेगा नहीं मेरी ग्रिप ही अलग है

तू हद से बाहर जा रही ऐ
मैं हद पार नहीं करना चाहता
बाकी कुछ भी करवा ले तू
बस प्यार नहीं करना आता

तुझको बुलाती हूँ तू आए क्यों ना
सावन है फिर भी बादल छाए क्यों ना
देहलीज़ मेरी पर तू इक बार कदम रख दे
मुझको ना और तड़पा
आ काम खतम कर दे

तुझे पागल बना दूंगी
नशा ऐसा चढ़ा दूंगी
जरुरत अब नहीं तुझको
किसी भी जाम की ज़ालिम

पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
नहीं कोई फिकर मुझको
किसी अंजाम की ज़ालिम

गिनूं सांसें जपूं माला
बस तेरे नाम की ज़ालिम
पढ़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम

ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम

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