कोई ना जाने कहां फिर मिले
छूटे जो हाथ से अब हाथ तो
फिर जाने कब दो मुसाफिर मिले
इल्तजा मेरी हद से गुजर आई है
रोकते रोकते आंख भर आई है
बात रख लो मेरी जान जा
तुम नहीं जाओगे बोल दो
आज जाने की जिद ना करो
आज जाने की जिद ना करो
यूं ही पहलू में बैठे रहो
यूं ही पहलू में बैठ रहो
आज जाने की जिद ना करो
आज जाने की जिद ना करो
थोड़ी अपनी कहो
थोड़ी सुन लो मेरी
शाम तेरी है ये
बस हमारे लिए
शाम उतरी है ये बस हमारे लिए
और तो कौन है राजदार वफा
तुम हो मेरे लिए मैं
मैं तुम्हारे लिए
तुम हो मेरे लिए
मैं तुम्हारे लिए
मान जाओ ना अब जान जा
देखो यूं ना मेरी जान लो
आज जाने की जिद ना करो
आज जाने की जिद ना करो
वक्त की कैद में जिंदगी है मगर
वक्त की कैद में जिंदगी है मगर
चंद घड़िया यही है जो आजाद है
चंद घड़िया यही है जो आजाद है
इनको खोकर मेरी जान जा
उम्र भर ना तरसते रहो
आज जाने की जिद ना करो
आज जाने की जिद ना करो
हाय मर जाएंगे
हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बात किया ना करो
आज जाने की जिद ना करो
आज जाने की जिद ना करो