तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
ये मुझको गिरते हैं क्यों अक्सर
जो खुद को उठा भी नही सकते
ये रिश्ता बनाते ही क्यों है जब
रिश्ता निभा ही नही सकते
जीना तो पड़ता है सबके लिए
जल्दी तो मर भी नही सकते
बेगानो से तुम लड़ सकते हो
अपनो से लड़ भी नही सकते
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
बचपन भी कितना सुहाना था
बस मा को गले से लगाना था
तकलीफें जितनी भी हो चाहे
थोड़ा रोना था और भूल जाना था
रास्ते वहीं हैं सफ़र है वही
किसी को किसी की क़दर ही नही
आयें हैं शहरों में बेकार हम
गाँव में ही रह जाना था
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
बनाने वाले तूने क्या कर दिया
भाई से भाई झगढ़ता है
पैसा नही है जिस सख्स पे
हर शॅक्स उसी से अकड़ता है
ज़िंदगी तेरा है क़र्ज़ बड़ा
ये क़र्ज़ चुकाना पड़ता है
मिली मुफ़्त में ज़िंदगी तू मगर
पैसा कमाना पड़ता है
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे
ज़िंदगी तू आना इक शाम मिलेंगे
तुझसे ही तेरी शिकायत करेंगे