हनुमत से बोली यूँ माता भजन लिरिक्स Hanumat Se Boli Yu Maata Lyrics

हनुमत से बोली यूँ माता भजन लिरिक्स Hanumat Se Boli Yu Maata Lyrics, Hanuman Bhajan by Shree Navratan giri ji Maharaj

पर्वत लेकर लौट रहे थे, मिल गयी अंजनी मात,
हनुमत ने माता को, बता दिए हालात,
मेघनाथ नै शक्ति मारी, लक्ष्मण जी बेहोश हैं,
सुनकर अंजनी माता को, आया बड़ा ही क्रोध हैं,

हनुमत से बोली यूँ माता, क्यों मुख मुझे दिखाया हैं,
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया हैं,
मैंने ऐसा दूध पिलाया, पर्वत के टुकड़े हो जाए,
मेरी कोख से जन्म लिया, और मेरा दूध लजाया है,
हनुमत से बोली यूँ माता, क्युं मुख मुझे दिखाया हैं,
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया हैं।

भेजा था श्री राम के संग में, करना उनकी रखवाली,
लक्ष्मण शक्ति खा के पड़ा, और रावण ने सीता हर ली,
माँ का सीस कभी न उठेगा, ऎसा दाग लगाया है,
हनुमत से बोली यूँ माता, क्युं मुख मुझे दिखाया हैं,
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया हैं।

छोटी सी एक लंक जलाकर, अपने मन में गरवाया,
रावण को जिन्दा छोड़ा, और सीता साथ नहीं लाया,
कभी न मुझको मुख दिखलाना, माँ ने हुकम सुनाया है,
हनुमत से बोली क्यों माता, क्युं मुख मुझे दिखाया हैं,
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया हैं।

हाथ जोड़कर हनुमत बोले, इसमें दोष नहीं मेरा,
श्री राम का हुक्म यही था, माँ विशवास करो मेरा,
मैंने वही किया है, जो श्री राम ने हुकम सुनाया है,
हनुमत से बोली यूँ माता, क्युं मुख मुझे दिखाया हैं,
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया हैं।

अंजनी माँ का क्रोध देख कर, प्रगट भये मेरे भगवान,
धन्य धन्य है माता तुमको, बोले है मेरे भगवान,
दोष नहीं है इसमे इसका, यह सब मेरी माया है,
हनुमत से बोली यूँ माता, क्युं मुख मुझे दिखाया हैं,
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया हैं।