राधा रवनी रंग भरी रंग होरी खेलें भजन लिरिक्स Radha Ravani Rang Bhari Lyrics

राधा रवनी रंग भरी रंग होरी खेलें भजन लिरिक्स Radha Ravani Rang Bhari Lyrics, Radha Rani Bhajan Lyrics

राधा रवनी रंग भरी। रंग होरी खेलें।
राधा रवनी रंग भरी। रंग होरी खेले।
अपने प्रीतम के संग। अहो हरि होरी खेलें।।
अपने प्रीतम के संग। अहो हरि होरी खेलें।।
राधा रवनी रंग भरी। रंग होरी खेलें।।
राधा रवनी रंग भरी। रंग होरी खेलें।।
अपने प्रीतम के संग। अहो हरि होरी खेलें।।
अपने प्रीतम के संग। अहो हरि होरी खेलें।।
इक पहिलें ही रँगमगी। रँग होरी खेलें।।
इक पहिलें ही रँगमगी। रँग होरी खेलें।।
पुनि भीनी रँग रंग। अहो हरि होरी खेलें।।
पुनि भीनी रँग रंग। अहो हरि होरी खेलें।।
रँग रँग की सँग सहचरी।  रँग होरी खेलें।।
रँग रँग की सँग सहचरी।  रँग होरी खेलें।।
बनी रंगीली के साथ। अहो हरि होरी खेलें।।
बनी रंगीली के साथ। अहो हरि होरी खेलें।।
पहिरें बसन रँग रंग के । रँग होरी खेलें।।
पहिरें बसन रँग रंग के । रँग होरी खेलें।।
रँग भरे भाजन हाथ। अहो हरि होरी खेलें।।
रँग भरे भाजन हाथ। अहो हरि होरी खेलें।।
रँग रँग की कर पिचकई। रँग होरी खेलें।।
रँग रँग की कर पिचकई। रँग होरी खेलें।।
सोहत एक समान। अहो हरि होरी खेलें।।
सोहत एक समान। अहो हरि होरी खेलें।।
मनौं मैन शिव पर सज्यौ।  रँग होरी खेलें।।
मनौं मैन शिव पर सज्यौ।  रँग होरी खेलें।।
हाथन तुपी कमान। अहो हरि होरी खेलें।।
हाथन तुपी कमान। अहो हरि होरी खेलें।।
काहू पै कुसुम गूँथित छरी। रँग होरी खेलें।।
काहू पै कुसुम गूँथित छरी। रँग होरी खेलें।।
काहू पै नये-नये नौर। अहो हरि होरी खेलें।।
काहू पै नये-नये नौर। अहो हरि होरी खेलें।।
काहू पै कुसुम गेंदुक चलें। रँग होरी खेलें।।
काहू पै कुसुम गेंदुक चलें। रँग होरी खेलें।।
काहू पै नूतन मौर। अहो हरि होरी खेलें।।
काहू पै नूतन मौर। अहो हरि होरी खेलें।।
काहू पै अरगजा रंग कौ। रँग होरी खेलें।।
काहू पै अरगजा रंग कौ। रँग होरी खेलें।।
काहू पै केसर को रंग। अहो हरि होरी खेलें।।
काहू पै केसर को रंग। अहो हरि होरी खेलें।।
कोऊ गौरा मृगमद लिये। रँग होरी खेलें।।
कोऊ गौरा मृगमद लिये। रँग होरी खेलें।।
होत भँवर जहाँ पंग। अहो हरि होरी खेलें।।
होत भँवर जहाँ पंग। अहो हरि होरी खेलें।।
तिनमें मुकुटमनि लाड़िली।  रँग होरी खेलें।।
तिनमें मुकुटमनि लाड़िली।  रँग होरी खेलें।।
सोहत अति सुकुँवार। अहो हरि होरी खेलें।।
सोहत अति सुकुँवार। अहो हरि होरी खेलें।।
लटक चलति जनु पवन ते।  रँग होरी खेलें।।
लटक चलति जनु पवन ते।  रँग होरी खेलें।।
कोमल कंचन डार। अहो हरि होरी खेलें।।
पिय कर पिचका देखि कैं। रँग होरी खेलें।।
तिय नैना छबि सौं डराहिं। अहो हरि होरी खेलें।।
खंजन से मनौं उड़हिंगे। रँग होरी खेलें।।
ढरकि मीन ह्वै जाहिं। अहो हरि होरी खेलें।।
छिरकत पिय जब तियन कौं। रँग होरी खेलें।।
यों मन उपजै आनन्द। अहो हरि होरी खेलें।।
मनहुँ इन्दु सींचत सुधा। रँग होरी खेलें।।
अपनी कुमुदिन के वृन्द। अहो हरि होरी खेलें।।
भीजि बसन तन लपटाने। रँग होरी खेलें।।
बरनत बरनी न जाइ। अहो हरि होरी खेलें।।
उपमा दैन न दैंहि नैन। रँग होरी खेलें।।
गहि राखत हा-हा खाइ। अहो हरि होरी खेलें।।
रंग रँगीली राधिका। रँग होरी खेलें।।
रँगीली गिरधर पीय। अहो हरि होरी खेलें।।
ये रँग भीने नित बसौ।। रँग होरी खेलें।।
नन्ददास के हीय।। अहो हरि होरी खेलें।।
राधा रवनी रंग भरी। रंग होरी खेलें।।
अपने प्रीतम के संग। अहो हरि होरी खेलें।।
तिनमें मुकुटमनि लाड़िली। रंग होरी खेलें।।
सोहत अति सुकुँवार। अहो हरि होरी खेलें।।
लटक चलति जनु पवन ते। रंग होरी खेलें।।
कोमल कंचन डार। अहो हरि होरी खेलें।।
पिय कर पिचका देखि कैं। रंग होरी खेलें।।
तिय नैना छबि सौं डराहिं। अहो हरि होरी खेलें।।
खंजन से मनौं उड़हिंगे। रंग होरी खेलें।।
ढरकि मीन ह्वै जाहिं। अहो हरि होरी खेलें।।
छिरकत पिय जब तियन कौं। रंग होरी खेलें।।
यों मन उपजै आनन्द। अहो हरि होरी खेलें।।
मनहुँ इन्दु सींचत सुधा। रंग होरी खेलें।।
अपनी कुमुदिन के वृन्द। अहो हरि होरी खेलें।।
भीजि बसन तन लपटाने। रंग होरी खेलें।।
बरनत बरनी न जाइ। अहो हरि होरी खेलें।।
उपमा दैन न दैंहि नैन। रंग होरी खेलें।।
गहि राखत हा-हा खाइ। अहो हरि होरी खेलें।।
रंग रँगीली राधिका। रंग होरी खेलें।।
रँगीलो गिरधर पीय। अहो हरि होरी खेलें।।
ये रँग भीने नित बसौ। रंग होरी खेलें।।
नन्ददास के हीय।। अहो हरि होरी खेलें।।
ये रँग भीने नित बसौ। रंग होरी खेलें।।
नन्ददास के हीय।। अहो हरि होरी खेलें।।
राधा रवनी रंग भरी। रंग होरी खेलें।।
अपने प्रीतम के संग। अहो हरि होरी खेलें।।
रंग रँगीली राधिका। रंग होरी खेलें।।
रँगीलो गिरधर पीय। अहो हरि होरी खेलें।।
ये रँग भीने नित बसौ।। रँग होरी खेलें।।
नन्ददास के हीय।। अहो हरि होरी खेलें।।
नन्ददास के हीय।। अहो हरि होरी खेलें।।