एक पल में ही जो मिल गई
जीना शुरू तो कर चुके
पर वक़्त रुके ना दो घड़ी
एक पल की क्या ये जिंदगी
एक पल में ही जो मिल गई
एक पल की क्या ये जिंदगी
एक पल में ही जो मिल गई
जीना शुरू तो कर चुके
पर वक़्त रुके ना दो घड़ी
जीना शुरू तो कर चुके
पर वक़्त रुके ना दो घड़ी
अब हम चले हैं उस सहर
अब हम मिलेंगे राह पर
करना तू मुझपे एक मेहर हवाएं
अब हम चले हैं उस सहर
अब हम मिलेंगे राह पर
करना तू मुझपे एक मेहर हवाएं
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ
पाना है मुझको ये जहाँ..
पाना है ये जहां..
पाना है मुझको ये जहाँ.
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ
उन्न्न.. उडने का जो है सिलसिला
ख्वाबों के पंख सा कुछ मिला
अब बादलों पे सर टिकाके
चिर तुझे मैं उड़ चला
अब हम चलें है उस सहर
अब हम मिलेंगे राह पर
करना तू मुझपे एक मेहर हवाएं
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ
पाना है मुझे ये जहाँ..
पाना है.. ये जहाँ..
पाना है मुझको ये जहां..
मंजर सफ़र का देख कर
रास्तों को आगे रोककर
हंसते हुए अब सो चुके
रातों में हरगम झोंकर
फिर हम उठेंगे जागकर
कब हम मिलेंगे भाग कर
करना तू मुझपे एक मेहर हवाएं
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ
पाना है मुझे एक जहाँ
छूना है मुझे आसमां
पाना है मुझे एक जहाँ हवाएँ