बन्नो से बन्ने की मिल्ने की जो रुत लाई रे
शहनाई यूं गूँजी सबकी आँखें भर आयी रे
शहनाई यूं गूँजी सबकी आँखें भर आयी रे
हो सोलह बरस के दो कदम
चौखट के बाहर क्या हो गए
तेरी कुड़माई के दिन आ गये
हाए बन्नो परदेसिया के देस के
चौबारे तुझको भा गए
तेरी कुड़माई के दिन आ गये
ले रहा सौ बलाएं तेरी
माई बाबुल का घर बार है
हां गेंदा गुलाबों से सजी
डोली तेरी तैयारी है
झूलों के मौसम वो तेरे
हमसे रोके भी नहीं रुके
तेरी कुड़माई के दिन आ गये
नी तेरी तेरे कुड़माई के दिन आ गये
अलविदा मुंदरों को जब तू कह के जाएगी
रौनक हवेली की संग ले के जाएगी
कोयलें सुबह किसको नींद से जगाएंगी
धूप आंगन में अब से किसे मिलने आएगी
खुल के कभी जो ना कहा
करते हैं हम आज स्वीकार करते हैं
अपने भैया से कहना ना कभी
हमको तुझसे ज़्यादा प्यार है
हाथों में चूड़े सज गए
तेरे गुड़िया खिलोने कहाँ गये
तेरे कुड़माई के दिन आ गये
हो सोलह बरस के दो कदम
चौखट के बाहर क्या हो गए
तेरे कुड़माई के दिन आ गये
नी तेरी तेरे कुड़माई के दिन आ गये
सलमा सितारों वाली शगना दी शुभ आई रे
बन्नो से बन्ने की मिल्ने की जो रुत लाई रे
शहनाई यूं गूँजी सबकी आँखें भर आयी रे
शहनाई यूं गूँजी सबकी आँखें भर आयी रे