लम्हा Lamha Lyrics in Hindi – Anurag Mishra

तेरी निगाहों से
मिलके सुबह मेरी गुजर गई
निखर गयी यूँ

तेरे ख्यालों की
धीमी सी आहटें गुजर गई
इधर कहीं यूँ

ये राज देखो जरा
है बन गया ऐसा मेरा
ना कोई गिला ना गुमान
है मिल गया साया तेरा

कैसा लम्हा हुआ ये मेरा
मैं था जो तन्हा
हुआ हूँ पूरा

कैसा लम्हा हुआ ये मेरा
मैं था जो तन्हा
हुआ हूँ पूरा

धीरे से पल में खोये हुए हम
कैसे करीब थे आये
छुपके से सारे बीते हुए गम
ख़ुशियों में है समाये

ये यादों का सिलसिला
है बन गया ऐसा मेरा
ना कोई गिला ना गुमान
है मिल गया साया तेरा

कैसा लम्हा हुआ ये मेरा
मैं था जो तन्हा
हुआ हूँ पूरा

कैसा लम्हा हुआ ये मेरा
मैं था जो तन्हा
हुआ हूँ पूरा

तुमसे मेरे ये दिन है ढले
तुमसे नये सपने हैं मिले
अब रहना है यहाँ
अब तेरा है मेरा आसमां

हाँ आं आं आं आं
कैसा लम्हा हुआ ये मेरा
मैं था जो तन्हा
हुआ हूँ पूरा

कैसा लम्हा हुआ ये मेरा
मैं था जो तन्हा
हुआ हूँ पूरा

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