क्या कहे हम तुम्हे कितने बेताब है
आ रहे अब नज़र आप ही आप है
जिन निगाहों में कल नींद भी थी नही
आज उन आँखों में ख्वाब ही ख्वाब है
आ रहे अब नज़र आप ही आप है
जिन निगाहों में कल नींद भी थी नही
आज उन आँखों में ख्वाब ही ख्वाब है
आके तेरी बाहों में
हर दर्द मुस्कुरा गया
चाहत का मौसम आ गया
तू दर पे जो सनम आ गया
चाहत का मौसम आ गया
तू दर पे जो सनम आ गया
पास आ गये है तेरे दूर ना रहा गया
चाहत का मौसम आ गया
तू दर पे जो सनम आ गया
इसी शाम का हमें कब से इंतेज़ार था
फसलों में कम नही हुआ मेरा प्यार था
दिल से चाहे पूछ के देख लेना बात ये
हमें मालूम था हमें ऐतबार था
पास आ गये दोनो दूर ना रहा गया
चाहत का मौसम आ गया
तू दर पे जो सनम आ गया