उलझन Uljhan Lyrics in Hindi – Parth Srivastava, Sireesha Bhagavatula

ना जाने उलझनों के पीछे क्या है बहाने
दास्तां है बोलो या है फ़साने

टिम टिमटी सी है ये सर्द रातें
वो भी हैं यहाँ पे और उनकी बातें
कुछ तो कहा, कुछ तो सुना
कुछ हिल गया है मन में जो ना पता

तुमको पता हमको पता
दिल से दिल है बाकी फ़र्ज़ी है बातें
सारी उलझनों के पीछे क्या है बहाने
दास्तां है बोलो या है फ़साने

टिम टिमटी सी है ये सर्द रातें
वो भी हैं यहाँ पे और उनकी बातें

झूमे है जहां, दूले आसमां
इश्क़ से है भीगा भीगा सा ये समा

रूठे है पिया, जले है जिया
पूछे है फ़िज़ाएं तूने ये क्या किया
है यही नख़रीली बातों की सजा

ना जाने उलझनों के पीछे क्या है बहाने
दास्तां है बोलो या है फ़साने
टिम टिमटी सी है ये सर्द रातें
वो भी हैं यहाँ पे और उनकी बातें

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