सांसों को सुकून मिले
जब जब तू मेरे साथ चले
सजदे में झुक जाता हूँ
जब जब तेरा चेहरा दिखे
जब जब तू मेरे साथ चले
सजदे में झुक जाता हूँ
जब जब तेरा चेहरा दिखे
तुमसे कोई बेहतर होगा क्या
तुम्हारी मोहब्बत
बेमिसाल सनम
मोहब्बत में लाखों
है कमाल सनम
लिखा जो खुदा ने
उसे सच मान कर
नहीं मैं करूँगा
कुछ सवाल सनम
कुछ सवाल सनम
कुछ सवाल सनम
कुछ सवाल सनम
हुस्न पे बेरुखी
यार ये जचती नहीं
जिगर ना जलाते तो
आग ये लगती नहीं
हाँ शर्म है इसलिए
खुलके मैं कहती नहीं
हाँ मगर जान लो
तुम नहीं तो मैं नहीं
हाँ तुमसे बढ़कर होगा क्या
तुम्हारी मोहब्बत
बेमिसाल सनम
मोहब्बत में लाखों
है कमाल सनम
लिखा जो खुदा ने
उसे सच मान कर
नहीं मैं करूँगी
कुछ सवाल सनम
कुछ सवाल सनम
कुछ सवाल सनम
कुछ सवाल सनम