ना रही किसी काम की ज़ालिम
नहीं कोई फिकर मुझको
किसी अंजाम की ज़ालिम
गिनूं सांसें जपूं माला
बस तेरे नाम की ज़ालिम
पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
नहीं कोई फिकर मुझको
किसी अंजाम की ज़ालिम
गिनूं सांसें जपूं माला
बस तेरे नाम की ज़ालिम
पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ओये छोरी तेरी परी हाथ लगा के देखा नरम बड़ी
हंड्रेड डिग्री हंड्रेड डिग्री गरम बड़ी करम जली
पगली ये ट्रिप्पी अलग है
माइंड में लगा मेरे चिप ही अलग है
एक बार जो थामा तेरा हाथ
तोह छूटेगा नहीं मेरी ग्रिप ही अलग है
तू हद से बाहर जा रही ऐ
मैं हद पार नहीं करना चाहता
बाकी कुछ भी करवा ले तू
बस प्यार नहीं करना आता
तुझको बुलाती हूँ तू आए क्यों ना
सावन है फिर भी बादल छाए क्यों ना
देहलीज़ मेरी पर तू इक बार कदम रख दे
मुझको ना और तड़पा
आ काम खतम कर दे
तुझे पागल बना दूंगी
नशा ऐसा चढ़ा दूंगी
जरुरत अब नहीं तुझको
किसी भी जाम की ज़ालिम
पड़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
नहीं कोई फिकर मुझको
किसी अंजाम की ज़ालिम
गिनूं सांसें जपूं माला
बस तेरे नाम की ज़ालिम
पढ़ी तेरे इश्क में जबसे
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम
ना रही किसी काम की ज़ालिम