क्या यह कहे, क्या यह करे
करता है सोचे ना समझे बिना
यह दिल अकल का है मारा
जाने जहाँ, इसे माना
ये ढीठ ना माने जाए वहाँ
देखो जिसे दिल का मारा
करता है सोचे ना समझे बिना
यह दिल अकल का है मारा
जाने जहाँ, इसे माना
ये ढीठ ना माने जाए वहाँ
देखो जिसे दिल का मारा
ना लबों से बोले ना यह राज़ खोले
कोई हिंट ही नहीं दे क्या करे
करता है अपनी ही मनमानी
है पता नादानी
फिर भी जान बूझ के गलती करे
जज़्बाती है दिल
जज़्बाती है दिल
जज़्बाती है दिल
सौ दफ़ा यह टूटेगा
जानता है डूबेगा
इश्क के दरिया में यह
फिर भी जाके कूदेगा
कागज़ी फसाने बेसुरे तराने
गाए धुन हो याद चाहे न इसे
बिगड़ी औलादों सा मिजाज़ी
कोई हो न राज़ी
यह तो बातें पूरी करके ही रहे
जज़्बाती है दिल
जज़्बाती है दिल
जज़्बाती है दिल
जज़्बाती है दिल