तुमसे आके मिल गया
जन्मों का कारवां
इन फ़िज़ाओं में छुपी है
अपनी दास्ताँ
जन्मों का कारवां
इन फ़िज़ाओं में छुपी है
अपनी दास्ताँ
झुकता सजदे में तेरे
हर पल है मेरा फलक
मेरी सांसों का ये सफर
बस है तुम से तुम तक हो..
तुम से तुम तक
हो.. तुमसे तुम तक
आ..
ये चाहतें ये आदतें
इतनी गहरी है जो
यादों से हो किस मोड़ पे
जाने ठहरी है वो
तेरा साथ होना लागे है यूं
जैसे मिल गई हो दुवा
महसुस जो कर रही है रूह
पहले ना वो हुआ
तुमसे आके मिल गया
जन्मों का कारवां
इन फिजाओं में मैं छुपी हूँ
अपनी दास्ताँ
झुकता सजदे तेरे
हर पल है मेरा फलक
मेरी सांसों का ये सफर
बस है तुम से तुम तक हो..
तुम से तुम तक
हो.. तुमसे तुम तक