Durga Saptashti Chapter 5 – श्री दुर्गा सप्तशती पांचवा अध्याय

Durga Saptashti Chapter 5 – श्री दुर्गा सप्तशती पांचवा अध्याय Durga-Saptashti-Chapter-5 देवताओं द्वारा देवी की स्तुति महर्षि मेघा ने कहा- पूर्वकाल में शुम्भ निशुंभ नमक असुरों ने अपने बल के मद से इंद्र का त्रिलोकी का राज्य और यज्ञों के भाग छीन लिए और वह दोनों इसी प्रकार सूर्य, चंद्रमा, धर्मराज और वरुण के अधिकार … Read more

Durga Saptashti Chapter 6 – श्री दुर्गा सप्तशती छठा अध्याय

Durga Saptashti Chapter 6 – श्री दुर्गा सप्तशती छठा अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- छठा अध्याय धूम्रलोचन वध महर्षि मेधा ने कहा- देवी की बात सुनकर दूत क्रोध में भरा हुआ वहाँ से असुरेन्द्र के पास पहुँचा और सारा वृतान्त उसे कह सुनाया। दूत की बात सुन असुरेन्द्र के क्रोध का पारावर न रहा और उसने … Read more

Durga Saptashti Chapter 7 – श्री दुर्गा सप्तशती सातवाँ अध्याय

Durga Saptashti Chapter 7 – श्री दुर्गा सप्तशती सातवाँ अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- सातवाँ अध्याय चण्ड और मुण्ड का वध महर्षि मेधा ने कहा- दैत्यराज की आज्ञा पाकर चण्ड और मुण्ड चतुरंगिनी सेना को साथ लेकर हथियार उठाये हुए देवी से लड़ने के लिए चल दिये। हिमालय पर्वत पर पहुँच कर उन्होंने मुस्कुराती हुई देवी … Read more

Durga Saptashti Chapter 8 – श्री दुर्गा सप्तशती आठवाँ अध्याय

Durga Saptashti Chapter 8 – श्री दुर्गा सप्तशती आठवाँ अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- आठवाँ अध्याय रक्तबीज वध महर्षि मेधा ने कहा- चण्ड और मुण्ड नामक असुरों के मारे जाने से और बहुत सी सेना के नष्ट हो जाने से असुरों के राजा, प्रतापी शम्भु ने क्रोध युक्त होकर अपनी सम्पूर्ण सेना को युद्ध के लिये … Read more

Durga Saptashti Chapter 9 – श्री दुर्गा सप्तशती नवां अध्याय

Durga Saptashti Chapter 9 – श्री दुर्गा सप्तशती नवां अध्याय Durga-Saptashti-Chapter-9 (निशुम्भ वध) राजा ने कहा- हे ऋषिराज ! अपने रक्तबीज के वध से सम्बन्ध रखने वाला वृतांत मुझे सुनाया। अब मैं रक्तबीज के मरने के पश्चात क्रोध में भरे हुए शुम्भ व निशुम्भ ने जो कर्म किया, वह सुनना चाहता हूँ। महर्षि मेघा ने … Read more

Durga Saptashti Chapter 10 – श्री दुर्गा सप्तशती दसवाँ अध्याय

Durga Saptashti Chapter 10 – श्री दुर्गा सप्तशती दसवाँ अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- दसवाँ अध्याय शुम्भ वध महर्षि मेधा ने कहा- हे राजन्! अपने प्यारे भाई को मरा हुआ तथा सेना को नष्ट हुई देखकर क्रोध में भरकर दैत्यराज शुम्भ कहने लगा-दुष्ट दुर्गे! तू अहंकार से गर्व मत कर क्योंकि तू दूसरों के बल पर … Read more

Durga Saptashti Chapter 11 – श्री दुर्गा सप्तशती ग्यारहवाँ अध्याय

Durga Saptashti Chapter 11 – श्री दुर्गा सप्तशती ग्यारहवाँ अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- ग्यारहवाँ अध्याय देवताओं का देवी की स्तुति करना तथा देवी का देवताओं को वरदान देना महर्षि मेधा कहते हैं- दैत्य के मारे जाने पर इन्द्रादि देवता अग्नि को आगे कर के कात्यायनी देवी की स्तुति करने लगे, उस समय अभीष्ट की प्राप्ति … Read more

Durga Saptashti Chapter 12 – श्री दुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय

Durga Saptashti Chapter 12 – श्री दुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- बारहवाँ अध्याय देवी के चरित्रों के पाठ का माहात्म्य देवी बोली- हे देवताओं! जो पुरुष इन स्तोत्रों द्वारा एकाग्रचित्त होकर मेरी स्तुति करेगा उसके सम्पूर्ण कष्टों को नि:संदेह हर लूँगी। मधुकैटभ के नाश, महिषासुर के वध और शुम्भ तथा निशुम्भ के वध … Read more

अथ श्री दुर्गा सप्तशती पहला अध्याय – Durga Saptashti – Chapter 1

अथ श्री दुर्गा सप्तशती पहला अध्याय – Durga Saptashti – Chapter 1 Durga Saptashti -1 अथ श्री दुर्गा सप्तशती भाषा पहला अध्याय महर्षि ऋषि का राजा सुरथ और समाधि को देवी की महिमा बताना महर्षि मार्कण्डये जी बोले- सूर्य के पुत्र सावर्णि की उत्पति की कथा विस्तार पूरक कहता हो, सावर्णि महामाया की कृपा से … Read more

Durga Saptashti Chapter 2- श्री दुर्गा सप्तशती दूसरा अध्याय

Durga Saptashti Chapter 2- श्री दुर्गा सप्तशती दूसरा अध्याय श्री दुर्गा सप्तशती- दूसरा अध्याय देवताओं के तेज से देवी का प्रादुर्भाव और महिषासुर की सेना का वध महर्षि मेधा बोले- प्राचीन काल में देवताओं और असुरों में पूरे सौ वर्षों तक घोर युद्ध हुआ था और देवराज इन्द्र देवताओं के नायक थे। इस युद्ध में … Read more